गेंहू की निचली पत्तियों के पीला होने का प्रमुख कारण और निवारण

गेंहू की निचली पत्तियों के पीला होने का प्रमुख कारण और निवारण

वर्तमान में ज़्यादा सर्दी व पाले की वजह से अधिकतर फसलों को नुकसान होने की संभावना है ।लेकिन इस समय गेहूं की फसल को कम तापमान की जरूरत होती है। इसलिए इस मौसम से गेहूं को फायदा पहुंचेगा। लेकिन अत्यधिक सर्दी और ठंडक की वजह से गेंहू की नीचे की पत्तियां पीली हो रही है जिससे किसान हर बार की भाँति चिंतित है,इसके मूल कारण की जानकारी के अभाव में कई तरह के उपचार के बावजूद भी सकारात्मक परिणाम नहीं मिलते है ।
तकनीकी अध्ययन अनुसार विदित है कि अत्यधिक ठंडक की वजह से जीवाणवीय /माइक्रोबियल गतिविधि कम हो जाती है,जिसके कारण से नाइट्रोजन का उठाव (Uptake) कम होता है , पौधे नाइट्रोजन को उपलब्ध रूप में नाइट्रेट में बदल देता है। नाइट्रोजन अत्यधिक गतिशील होने के कारण निचली पत्तियों से ऊपरी पत्तियों की ओर चला जाता है, इसलिए निचली पत्तियाँ पीली हो जाती हैं। यह सत्य है की यह कोई बीमारी नहीं है ये पौधे समय के साथ ठीक हो जाते है इसके लिए 1 टंकी /15 लीटर पानी में 1.5 लीटर गोमूत्र व चुने की दो पुड़िया(ज़र्दे में उपयोग होने वाली ) घोलकर छिड़काव का करें।हमारे केंद्र के आग्रह पर ये प्रयोग कई किसानों ने किया है ,अभिनव परिणाम प्राप्त किए है।
गेहूं और स्ट्राबेरी के अलावा (क्योंकि गेहूं और स्ट्राबेरी की फसल में अत्यधिक ठंड लाभदायक ही होगी) दलहन (मसूर), आलू,पपीता और टमाटर को पाला से नुकसान होने की बहुत ज़्यादा संभावना है। वर्तमान में वातावरण आलू और टमाटर की फसल के लिए बहुत घातक है ,इस समय पछेती झुलसा रोग (ब्लाइट)के लगने से पूरी फसल के गल जाने की संभावना रहती है। वहीं चना, मसूर फसल पर भी अत्यधिक ठंडक से नुकसान हो सकता। इसके साथ ही अत्यधिक ठंढक से गेंहू एवम अन्य फसलों को बचाने के लिए हल्की सिंचाई करनी चाहिए, यथासंभव खेतों के किनारे (मेड़) आदि पर धुआं करें। इससे पाला का असर काफी कम पड़ेगा। यदि कोई नक़दी फसल में पाले का प्रभाव पड़ा है तो एक टंकी / 15 लीटर पानी में सो ग्राम ग्लूकोज घोल के छिड़काव करे ।इससे फसल को नुकसान होने से बचाया जा सकता है।

नोट – खेती सम्बन्धी और उतम तकनीकी जानकारी के लिए केंद्र पर हर माह की 15 तारीख़ के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले सकते है ,इस बार भी 15 फरवरी को बड़ा कार्यक्रम रहेगा ।इसके लिए केंद्र के फ़ोन नम्बर पर फ़ोन कर के अपना पंजीकरण करा लीजिए ।
क़ेंद्र के नम्बर- 8875995439
केंद्र का परिचय नीचे लिंक में दिया गया है –

केंद्र का फ़ेसबुक पेज- https://www.facebook.com/GoyalGraminVikasSansthan/

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