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गैहूँ की गौ आधारित – जैविक खेती की तकनीकी जानकारी
गैहूँ की गौ आधारित – जैविक खेती की तकनीकी जानकारी गेहूँ की अधिकतम पैदावार के लिये बलुई दोमट, उर्वरा व जलधारण क्षमतायुक्त मिट्टी वाले सिंचित क्षैत्र उपयुक्त है। इसकी खेती अधिकाशंतः सिंचित क्षैत्रों में की जाती है लेकिन भारी चिकनी मिट्टी व पर्याप्त जलधारण क्षमता वाली भूमि में असिंचित परिस्थितियों में भी उगाया जा सकता …
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सूक्ष्म जीवों की उपलब्धता का सरल समाधान ताजा गोबर
(जीवाणु खाद या जैव उर्वरक या बायो फर्टिलाइजर के रूप में ताजा गोबर) वर्तमान समय में कृषि उत्पादन को बढ़ाना सभी कृषकों एवं कृषि चिंतको के सामने प्रमुख चुनौती है। सघन कृषि से पोषक तत्त्वों का स्तर गिरने की खबरे हर रोज पढने में आ रही है। जैविक खाद से इस समस्या का समाधान हो …
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सरसों – राया की उन्नत किस्में एवं उत्पादन तकनीक
सरसों – राया की उन्नत किस्में एवं उत्पादन तकनीक राया – सरसों मुख्यतः कोटा संभाग, गंगानगर, हनुमानगढ़, उदयपुर, बाँसवाड़ा एवं डूँगरपुर जिले में बोई जाने वाली प्रमुख फसल है, सरसों की जैविक खेती की कृषि विधियाँ इस प्रकार हैः- सीधी बुवाई हेतु उन्नत किस्में – पूसा सरसों – 28 (एन.पी.जे.-124), पूसा सरसों – 27 (ई.जे. …
गौ आधारित जैविक कृषि के प्रशिक्षण के लिए 1 दिवसीय शिविर
गौ आधारित जैविक कृषि के प्रशिक्षण के लिए आओ चले…… विश्व विख्यात पवित्र तीर्थ स्थल श्री विभीषण जी की नगरी कैथून से तीन किलोमीटर आगे ,सांगोद सड़क मार्ग पर श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र कोटा (राज) पर पिछले 28 माह से निरंतर चले रहे प्रत्येक माह की 15 तारीख को 1 दिवसीय प्रशिक्षण …
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गौ आधारित कृषि के प्रशिक्षण के लिए सूचना एवं आमंत्रण
गौ आधारित कृषि के प्रशिक्षण के लिए आओ चले…… विश्व विख्यात पवित्र तीर्थ स्थल श्री विभीषण जी की नगरी कैथून से तीन किलोमीटर आगे ,सांगोद सड़क मार्ग पर श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र कोटा (राज) पर पिछले 27 माह से निरंतर चले रहे प्रत्येक माह की 15 तारीख को 1 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर …
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सोयाबीन की जैविक खेती
सोयाबीन की जैविक खेती सोयाबीन एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है। राजस्थान में इसकी खेती मुख्यतः कोटा, बून्दी, बाँरा, झालावाड, चितोड़गढ़, बाँसवाड़ा, डूंगरपुर एवं प्रतापगढ़ जिलों में की जाती है। सोयाबीन के लिये चिकनी भारी, अच्छे जल निकास वाली उपजाऊ तथा उसर रहित मिट्टी उपयुक्त रहती है। उन्नत किस्में जे एस 335 (1994): 110 दिन की …
तकनीकी सलाह एवं सूचना
गोयाल ग्रामीण विकास संस्थान कोटा द्वारा स्थापित श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र के द्वारा तकनीकी सलाह एवं सूचना रबी ऋतु में सभी फसलों में बढ़वार, फसल के अच्छे स्वास्थ्य, फल एवं फूलों के अधिक उत्पादन हेतु किए जाने वाले कार्यों का विवरण निम्नलिखित हैं – यदि पहली बार जैविक कृषि हेतु प्रयास कर …
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धान की जैविक खेती
धान की जैविक खेती धान मुख्यतः कोटा संभाग, गंगानगर, हनुमानगढ़, उदयपुर, बाँसवाड़ा एवं डूँगरपुर जिले में बोई जाने वाली प्रमुख फसल है, धान की जैविक खेती की कृषि विधियाँ इस प्रकार हैः- रोपाई हेतु उन्नत किस्में – पूसा बासमती 1509 (2013), प्रताप सुगन्धा – 1 (2013), इम्प्रुव पूसा बासमती – (2007), पूसा सुगन्धा – 4 …
मिट्टी जांच श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान कोटा के द्वारा
नमस्कार किसान भाइयो ….. श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान कोटा के प्रांगण पर स्थापित मृदा परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा सभी किसान भाईयों के खेत की मिट्टी जांच करवा सकते हैं । जिस किसान भाई को मिट्टी जांच करवानी वह केन्द्र पर सैंपल जमा कर सकते हैं। मृदा परीक्षण में pH,EC, जैविक कार्बन,नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, …
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जायद अर्थात गेहूँ/सरसों/चने की कटाई के बाद हरी खाद
जायद अर्थात गेहूँ/सरसों/चने की कटाई के बाद हरी खाद लेखक – मुरलीधर नागर, रिसर्च स्कोलर, मोबाईल नं. – 9672388626 अभी रबी की ऋतु मे अधिकतम फसलों की कटाई हो चुकी है और अभी दो महीने का जो यह समय है। इस समय अधिकतर खेत खाली रहेंगे। विशेषतः इस समय किसान हरी खाद (ढैंचा, मूंग, उड़द) …
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15 मार्च 2023 को जैविक कृषि की समग्र अवधारणा पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
गोयल ग्रामीण विकास संस्थान कोटा द्वारा स्थापित श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र पर हर माह की भाँति इस बार भी दिनांक 15 मार्च 2023 को जैविक कृषि की समग्र अवधारणा पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है । इस बार आपको गेहूं ,चना ,मसूर ,मैथी,धनिया,अलसी कलौंजी की परिपक्वता अवस्था वाले …
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अति आवश्यक सूचना -जैविक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम 15 फ़रवरी 2023
अति आवश्यक सूचना इस बार जैविक कृषि पर प्रशिक्षण है विशेष इसलिए अब सीट है केवल बीस शेष …. क्योंकि अब केंद्र पर आ रहा है पूरा प्रदेश श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र कोटा (राज) के मासिक प्रशिक्षण कार्यक्रम 15 फ़रवरी 2023 को होगा । भारत का पहला केंद्र जहां गो आधारित खेती …
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दिनांक 15 फ़रवरी 2023 को जैविक कृषि पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
गोयल ग्रामीण विकास संस्थान कोटा द्वारा स्थापित श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र पर दिनांक 15 फ़रवरी 2023 को जैविक कृषि की समग्र अवधारणा पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है । हर बार की भाँति इस बार का कार्यक्रम भी बहुत ही रोचक व प्रेरणीय रहेगा क्योंकि इस बार आपको …
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केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और राजस्थान के कृषि मंत्री लाल चंद जी कटारिया ने किया श्रीरामशांताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण क़ेंद्र का भ्रमण
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश जी चौधरी और राजस्थान के कृषि मंत्री कटारिया ने कोटा स्थित श्रीरामशांताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का अवलोकन किया ,साथ में रहे स्थानीय विधायक हीरा लाल नागर और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता । साथ ही इनके साथ में केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी आदि भी थे …
मोसम पूर्वानुमान की अति आवश्यक सूचना
अति आवश्यक सूचना – श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र कोटा (इकाई- गोयल ग्रामीण विकास संस्थान कोटा ) की मोसम पूर्वानुमान इकाई के द्वारा प्राप्त आँकड़े के अनुसार आगामी 26-27 जनवरी 2023 को बारिश की मध्यम संभावना है जिसमे बारिश अनुमानत 0.900 (न्यूनतम ) से 6.700 mm (अधिकतम ) है । हवा का प्रवाह …
गेंहू की निचली पत्तियों के पीला होने का प्रमुख कारण और निवारण
गेंहू की निचली पत्तियों के पीला होने का प्रमुख कारण और निवारण वर्तमान में ज़्यादा सर्दी व पाले की वजह से अधिकतर फसलों को नुकसान होने की संभावना है ।लेकिन इस समय गेहूं की फसल को कम तापमान की जरूरत होती है। इसलिए इस मौसम से गेहूं को फायदा पहुंचेगा। लेकिन अत्यधिक सर्दी और ठंडक …
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